श्री चिंतामणि पाश्र्वनाथ जिन प्रासाद तेइसवें तीर्थकर श्री पाश्र्वनाथ भगवान की श्याम वर्ण के पोषाण के निर्मित भव्य, सपिरकर प्रतिमाजी मंदिर के ऊपरी तल के गर्भगृह में मूलनायक के रूप में विराजमान है। उपरी तल के रंगमण्डप में सोहलवें तीर्थकर श्री शांतिनाथ भगवान एवं बाइसवें तीर्थकर श्री नेमिनाथ भगवान भी प्रतिष्ठित है। भगवान के गर्भगृह के बाहर कौली मण्डप में श्री पाश्र्वयक्ष एवं अधिष्याठिका पद्मावती यक्षिणी प्रतिष्ठित है।
म्ंदिरजी के भूतल में गर्भगृह में प्रथम तीर्थकर श्री ऋषभदेव भगवान की 51‘‘ की श्वेतवर्णी प्रतिमा स्थापित है साथ ही रंगमण्डप में विरहमान तीर्थकर श्री सीमंधर स्वामी जी एवं अंतिम तीर्थकर श्री महावीर स्वामी जी की प्रतिमाएॅ विराजमान हैं। रंगमण्डप में ही आदिनाथ प्रभु के प्रथम गणधर पुंडरीक वामी एवं महावीर स्वामी जी के प्रथम गणधर श्री गौतम स्वामी जी की, सिद्धावस्था में, प्रतिमाएंॅ स्थापित है। रंगमण्डप में ही बदरीनाथ में प्रतिष्ठित होने वाले मूलनायक आदिनाथ भगवान की भव्य प्रतिमा जी भी वर्तमान में अतिथि रूवरूप विराजित है।
इस तीर्थ की शुभ प्रतिष्ठा माघ शुक्ला षष्टी, 5 फरवरी 1995 के शुभ दिन पू0 आचार्य पदम्सागर सुरीश्वर जी म0सा0 एवं आचार्य विजय धर्मधुरंधर सूरि जी म0सा0 की पावन निश्रा में संम्पन्न हुई।
श्री मणिभद्र देव एंव क्षेत्रपाल जी की प्रतिमाएंॅ अस्थायी रूप से प्रतिष्ठापित हैं एवं शीघ्र ही कलात्मक देहरी निर्मित कर उन प्रतिमाओं को पुनः प्रतिष्ठित किया जाएगा।