उपाश्रय श्री चिंतामणि पाश्र्वनाथ तीर्थ में वर्ष भर जैन धर्म के सभी संप्रदाओं के साधु-संतों का आगमन होता रहता है। जो भी साधु-साध्वी, संत-महात्मा, ऋषिकेश, देहरादून, बदरीनाथ की ओर विहार करते हैं, वे अनुकूलतानुसार इस तीर्थ पर अवश्य ही विराम लेते हैं। कई जैनेतर महात्माओं के चरण स्पर्श से भी यह भूमि पवित्र हुई है। आत्म वल्लभ परम्परा के गच्छाधिपति विजय इन्द्र दिन्न् सूरिश्वर जी म0सा0 के अंतिम चातुर्मास का लाभ भी इस तीर्थ को मिला था।
साधु-संतों के वैयावच्च एवं आराधना विश्राम हेतु तीर्थक्षेत्र मे ंसुंदर एवं सुविधायुक्त उपाश्रय का निर्माण किया गया है।